vestigial organ Evidence of bio evolution in hindi

आज हम पढ़ेंगे vestigial organ के बारे में यह एक ऐसा टॉपिक है जो स्टूडेंट काम ही पढ़ना पसंद करते है लेकिन ये बहुत इंटरेस्टिंग टॉपिक है जिसे पढ़कर आप अपने अबशेषी अंग के बारे में जान सकेंगे।

जैव विकास के प्रमाण Evidences of bio evolution

•अवशेषी अंग Vestigial organ:

वर्तमान में अनावश्यक होने के कारण अवशेष बचे अंग अवशेषी अंग कहलाते हैं मानव में कुल अवशेषी अंग- 100 से अधिक

Vestigial organ उदाहरण:

  • त्वचा पर बाल ताप नियंत्रण
  • क्रमिक रूप परिशेशिका- पहले सैलूलोज का पाचन
  • अकल दाढ़ -पहले मास्को चिड़ने पढ़ने में प्रयुक्त
  • करण पल्लवों की पेशियों ( कानों को हिलाने में प्रयुक्त)
  • प्लिका सेमिल्युनेरिस ( पहले निवेशक पटल का कार्य)
  • दौड़ने वाले पक्षियों के पंख
Vestigial organ

•समजात अंग Homologous organ:

ऐसे अंग जिनका ढांचा समान परंतु कार्य भिन्न होता है। 

Vestigial organ उदाहरण

  • मनुष्य और घोड़े की अगर पाद
  • को पेंगुइन के पेडल्स एवं व्हेल के क्लिपर्स फिलिपर्स

•समवर्ती अंग  concurrent organs: 

  • ऐसे अंग जिनका ढांचा भिन्न परंतु कार्य समान
  • उदाहरण चमगादड़ और कीटों के पंख

त्वचा dermis क्या होती है और ये कितने प्रकार की होती है

जीवाश्म

  • बीरबल साहनी पेलियोबोटनिकल इंस्टिट्यट- लखनऊ
  • सबसे प्राचीन जीवा जीवाश्म- आर्कीऑप्टरिक्स

•संयोजी जंतु/ योजक कड़ी /बीच की कड़ी Connective polyps:

जंतु जिनमें अपने स्वयं तथा अपनी से निचले स्तर के गुण पाए जाते हैं संयोजी /संयोजक जंतु कहलाते हैं।

उदाहरण:

  • वायरस – निर्जीव /सजीव
  • यूग्लीना – पादप /जंतु
  • प्रोटोस्पजिया – प्रोटोजोआ/ स्पंज 
  • नियोपिलीना – मोलस्का /ऐनेलिडा
  • परिपेटस -एनिलिड /आर्थोपोडा
  • आर्कीऑप्टरिक्स-सरीसृप/ पक्षी
  • प्रोटोथेरिया -सरीसृप /स्तनी

•पुनरावृति से प्रमाण Evidence from repealing:

प्रत्येक जीव भ्रूर्णिये विकास उसके जाति इतिहास की पुनरावृति करता है।

जंतुओं का वर्गीकरण Classification of Animal Kingdom in Hindi

About Arvind

hello dosto मेरा नाम अरविन्द सिंह है और मैंने Mathematics से M.sc की है सरकारी नौकरी से सम्बंधित जानकारी एकत्र करता  हूँ और उस से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी अपने blog examshind.com पर आपको प्रदान करता हूँ। इस ब्लॉग पर आप को कोई भी जानकारी different sources से पढ़कर ही आपको दी जाती है। इस ब्लॉग पर कोई गलत information नहीं दी जाती है।

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