Doctor kaise bane MBBS डॉक्टर कैसे बने?

दोस्तों हर स्टूडेंट पढ़ लिख कर अपना बेहतर करियर बनाना चाहता है। कोई इंजिनियर बनना चाहता है तो कोई साइंटिस्ट, प्रोफेसर या फिर डॉक्टर। अगर आपका इंटरेस्ट किसी बीमार व्यक्ति की सेवा में है तो आपके लिए डॉक्टर बहुत ही अच्छा करियर विकल्प है। तो दोस्तों इस लेख का टॉपिक है डॉक्टर कैसे बने मतलब हाउ टू बिकम डॉक्टर। इस लेख में इस टॉपिक से रिलेटेड बहुत सी बातें बताने वाला हूँ।

Table of Contents

Doctor kaise bane

सबसे पहले जानिए डॉक्टर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी होगी। इसमें एडमिशन के लिए आपको कौन सी इंट्रेंस एग्जाम पास करनी होगी। इसके लिए क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहिए। एज लिमिट क्या होनी चाहिए? एडमिशन की क्या प्रक्रिया है? कोर्स ड्यूरेशन क्या है? इंटर्नशिप कितने दिनों का होता है? पढाई पूरी होने के बाद स्कोप क्या है? जॉब कहां कर सकते हैं? सैलरी कितनी मिलती है? तो दोस्तों इन सभी पॉइंट्स पर इस विडियो में डिटेल से डिस्क्राइब करूंगा। तो बने रहिए हमारे साथ और इस लेख को पूरा अंत तक पढियेगा। तो चलिए शुरू करते हैं।

सबसे पहले जानते हैं डॉक्टर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी होगी।

दोस्तों डॉक्टर बनने के लिए जो पढ़ाई की जाती है उस पढ़ाई का नाम है एमबीबीएस। इसका फुलफॉर्म होता है बैचलर ऑफ मेडिसीन बैचलर ऑफ सर्जरी। यही वह पढ़ाई है जिसे पढ़ने के बाद आप डॉक्टर बन सकते हैं। दोस्तों यह एक बेहद कठिन पढ़ाई होती है लेकिन अगर आप सच्ची लगन के साथ पढ़ेंगे तो आपके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है।

एमबीबीएस में एडमिशन के लिए कौन सी एंट्रेंस एग्जाम दी जाती है।

इसमें एडमिशन के लिए आपको नीट की परीक्षा यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट देनी होती है। तभी आप एमबीबीएस में एडमिशन ले पाएंगे। नीट की परीक्षा हर साल एंटीए द्वारा ली जाती है। जिसके जरिए पूरे भारत में छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए अलग अलग कॉलेजों में एडमिशन दिया जाता है। आपको कौन सा कॉलेज मिलेगा या आपके द्वारा नीट परीक्षा में मिले रैंक पर निर्भर करता है।

डॉक्टर बनने के लिए आपकी क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहिए।

यानी एमबीबीएस में एडमिशन के लिए आपकी मिनिमम क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहिए? दोस्तों डॉक्टर बनने के लिए आपको कम से कम ट्वेल्थ पास होना चाहिए वह भी साइंस सब्जेक्ट से जिसमें आपका सब्जेक्ट फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी हो तभी आप डॉक्टर बन पाएंगे। यहां पर आप बिल्कुल भी कन्फ्यूज मत होना। अगर कहीं कंफ्यूजन है तो कमेंट कर सवाल जरूर पूछे।

एज लिमिट क्या है?

दोस्तों एमबीबीएस परिणाम के लिए अप्लाई करते समय आपकी उम्र सीमा कम से कम 17 साल और अधिकतम उम्र की अब कोई सीमा नहीं है यानी की आप जब चाहे तब आप नीट के एग्जाम के लिए परीक्षा दे सकते हैं पर आपकी उम्र सिमा कम से कम 17 साल जरूर होनी चाहिए। तभी आप इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं और इसकी पढ़ाई भी कर सकते हैं।

डॉक्टर बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

आप सब को पता होता है डॉक्टर बनने के लिए एमबीबीएस की डिग्री होना जरूरी है। यह चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रवेश पत्र की तरह है। यह आमतौर पर एक साल की इंटर्नशिप के साथ साढ़े पांच साल का कोर्स होता है। एमबीबीएस या बीडीएस करने के लिए आपको नीट परीक्षा देनी होगी।

लेकिन डॉक्टर बनने के लिए छात्र को बहुत ही ज्यादा पढ़ना होता है और सिर्फ पढ़ना ही जरुरी नहीं होता है बल्कि छात्र का दिमाग भी पहले से बहुत तेज होना चाहिए और उसे अच्छे गुरु या कोचिंग की भी आवश्यकता जरुरी है। पर इनमे से सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है की छात्र का दिमाग पढ़ने में बहुत तेज होना चाहिए।

डॉक्टर बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

  • जैसा की हमने आपको बताया की डॉक्टर बनने के लिए आपको 10th ( दसमी ) पास करने के बाद बायोलॉजी विषय चुनना होता है।
  • आपको कम से कम 12th ( बारहमी ) में UR – 50%, OBC/SC/ST – 40%, PWD – 45% लाना होता है।
  • उसके बाद आपको कॉलेज में जाने के लिए Entrance exam देना पड़ता है जिसे NEET (National Eligibility cum Entrance Test) कहा जाता है।
  • आपको पता है Neet की परीक्षा में 180 Question होते हैं | जो की सारे Objective होते हैं। जिसमे हर एक question का उत्तर चुन्नने के लिए 4 Option दिए जाते हैं।
  • Neet की परीक्षा 720 Marks की होती है। जिसमे 90 Question बायोलॉजी (Biology) से, 45 question केमिस्ट्री (Chemistry) से, 45 question फिजिक्स (Physics) से पूछे जाते हैं।
  • Neet exam में एक Question solve करने के लिए 3 घंटे का समय मिलता है।
  • हर सही उत्तर पर आपको +4 नंबर मिलते हैं और हर गलत उत्तर पर -1 नंबर पर नेगेटिव मार्किंग के आधार पर काट लिए जाते हैं। और कोई जवाब नहीं देने पर आपको 0 अंक मिलते हैं।
  • ये सारे Question क्लास 11th + 12th से मिला कर आती है। यानी आपको क्लॉस 11th + 12th दोनों का Syllabus अच्छे से पढ़ना पड़ता है।
  • जिसमे किसी स्टूडेंट को मिनिमम 600 मार्क्स लाने होने एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए।

भारत में कुल मेडिकल कॉलेज की संख्या कितनी है?

  • लगभग भारत में 532 मेडिकल सरकारी कॉलेज है और जिसमे 10 AIIMS कॉलेज है।
  • भारत में कुल 76,928 MBBS सरकारी Seats है।
  • कॉलेज में पहुंचने के बाद अलग – अलग डिपार्टमेंट यानी Profession चुनना होता है जैसे Radiology, Neurologists, Surgen इत्यादि ऐसे कई सारे डिपार्टमेंट होता है।
  • कॉलेज में किसी भी प्रोफेशन में MBBS के लिए 5 साल का कोर्स होता है। यानी पांच साल बाद एक छात्र डॉक्टर बन जाता है।
  • पिछले साल 2021-22 में तक़रीबन 16.1 Lakh और 18 लाख से अधिक छात्रों ने Exam दिया।
  • इसलिए अगर आप हर दिन 15 घंटे पढाई करते हैं तभी Neet की तैयारी करे।

NEET परीक्षा की तैयारी कैसे होता है?

कई छात्र Neet परीक्षा की तैयारी मंहगे कोचिंग से करते हैं| जैसे Allen Kota, Akash Institute जिसके लिए कई छात्र Delhi और Kota जैसे जगह जाते हैं। वही कई छात्र घर बैठ कर ही तैयारी करते हैं। और अब lock down के बाद बहुत से छात्र online घर बैठे तैयारी कर रहे हैं।

vakil kaise bane: वकील बनने के लिए क्या करे?

Online में वो Physics Wallah, Unacademy से Neet की तैयारी करते हैं। हालंकि BYZUS भी Online कोर्सेज बेचते हैं। पर मैं आपको वो लेने के लिए कभी सलाह नहीं दूंगा क्यूंकि BYZUS कचड़ा है।

हालाँकि तैयारी करने के लिए आपको Ncert के अलावा भी अन्य किताबे खरीदने पड़ती है। पर उसके बिना भी आप तैयारी कर सकते हैं और बहुत से लोगो ने तैयारी किया भी है। इसलिए अगर आप अपने Coaching के notes और दिए गए question को अच्छे से कम्पलीट कर ले तो आपको अन्य कोई किताब की जरूरत नहीं पड़ेगी।

और अन्य किताब खरीदने से पहले आप NCERT तो ख़त्म कर ले तब अन्य किताब खरीदें। वर्ना मालूम चला की आपने ढेर सारी किताब तो खरीद ली पर उसे पढ़ते ही नहीं है। इसलिए पहले एक किताब ख़त्म कर ले फिर कोई और किताब पर जाएँ। आप तैयारी करने के लिए Allen का Modules मंगवा सकते हैं।

डॉक्टर कैसे बने

इसमें एडमिशन कैसे होती है।

दोस्तों एमबीबीएस में एडमिशन के लिए आपको नीट की परीक्षा देनी होती है। यह परीक्षा आप तभी दे सकते हैं जब आप 12वीं पास कर गए हों या 12वीं की परीक्षा देने वाले हों। नीट की परीक्षा देने के बाद आपको जो रैंक प्राप्त होता है उसी के आधार पर आपको कॉलेज मिलता है जिसमें आप एडमिशन करवा कर इस कोर्स को कर सकते हैं।

यहां आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि नीट की परीक्षा में आपको जितना अच्छा रैंक मिलेगा, उतना अच्छा आपको कॉलेज भी मिलेगा। इसलिए नीट की तैयारी ज्यादा से ज्यादा बेहतर होना चाहिए ताकि आप अच्छा रैंक प्राप्त कर सकें और आपको टॉप कॉलेज मिल सके। इसलिए आपको नीट परीक्षा को ज्यादा गंभीरता से लेते हुए पढ़ाई करनी चाहिए ताकि आपका एडमिशन बेहतरीन कॉलेज में हो सके।

यह कोर्स कितने वर्ष की होती है और इंटर्नशिप कितने साल का होता है।

दोस्तों यह साढ़े पांच साल का कोर्स होता है। इसमें साढ़े चार साल पढ़ाई करनी होती है। फिर एक साल का इंटर्नशिप करना पड़ता है। यानी कुल मिलाकर साढ़े पांच साल में यह कोर्स पूरा होता है। एमबीबीएस की पढ़ाई कर लेने के बाद आप इसकी मास्टर डिग्री भी कर सकते हैं। इसे एमएस और एमडी कहा जाता है।

एमएस का फुलफॉर्म होता है मास्टर ऑफ सर्जरी। वहीं, एमडी का फुल फॉर्म होता है डॉक्टर ऑफ मेडिसिन। एमबीबीएस के बाद आपको इन दोनों में से कौन सी पढ़ाई करनी चाहिए, यह आप पर निर्भर करता है कि आपका इंट्रेस्ट किसमें है। दोस्तों जिसमें आपका इंट्रेस्ट हो आप उसी सब्जेक्ट से मास्टर डिग्री करें ताकि आप उसमें स्पेशलिस्ट बन सकें।

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एमडी के स्टडी एरिया नॉन सर्जिकल ब्रांच शामिल होता है, जबकि एमएस में केवल सर्जिकल स्टडीज को ही शामिल किया जाता है। यानी अगर आप एमडी की पढ़ाई करते हैं तो आप फिजिशियन बनेंगे। वहीं एमएस की पढ़ाई करेंगे तो आप सर्जन डॉक्टर कहलाएंगे। एमएस या एमडी कोर्स को पूरा करने में तीन वर्ष का समय लगता है। वहीं मास्टर स्पेशलाइजेशन कोर्स के लिए कैंडिडेट को एमएस या एमडी कोर्स पूरा करने के बाद दो वर्ष की पढ़ाई और करनी होती है।

एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद स्कोप क्या है?

दोस्तों एमबीबीएस एक ऐसी पढ़ाई है जिसे करने के बाद समाज में आपका मान सम्मान दोनों बढ़ जाता है। लोग आपकी बातों को गंभीरता से सुनते हैं और अमल भी करते हैं। इसमें स्कोप की अपार संभावनाएं हैं। आप डॉक्टर बनने के बाद लोगों की सेवा कर सकते हैं, उनका इलाज कर सकते हैं, जिससे आपकी अच्छी खासी इनकम के साथ एक रॉयल जिंदगी जीने का अवसर भी मिलता है।

आप सरकारी या निजी अस्पताल से जुड़कर काम कर सकते हैं या खुद की प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह एक ऐसी पढ़ाई है, जिसमें हम सभी पढ़ाई से सबसे ज्यादा स्कोप होती है। इसके माध्यम से समाज में आपका एक अलग और खास पहचान बनता है।

जॉब कहा मिलेगी?

अब जान लेते हैं एमबीबीएस करने के बाद आपको जॉब कहां मिलेगी या आप जॉब कहां कर सकते हैं। दोस्तों यह तो आपको पता है कि डॉक्टर को जॉब के लिए सोचना नहीं पड़ता क्योंकि एमबीबीएस करने के बाद आप खुद की प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। अगर फिर भी जॉब करने की इच्छा होती है तो आप जॉब की अपार संभावना है।

आप सरकारी या निजी अस्पतालों में ज्वाइन कर सकते हैं या मेडिकल के कई अन्य क्षेत्र हैं, उसमें अपना योगदान दे सकते हैं। यानी जॉब कर सकते हैं, जैसे लेबोरेट्रीज, बायोमेडिकल कंपनी, मेडिकल कॉलेज, मेडिकल ट्रस्ट, हेल्थ सेंटर, फार्मास्यूटिकल और बायोटेक्नोलॉजी कंपनियां, एनजीओ, रिसर्च इंस्टीच्यूट इत्यादि।

डॉक्टर की सैलरी कितनी मिलती है?

दोस्तों अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि डॉक्टर की सैलरी कितनी मिलती है? सबसे पहले तो आपको यहां बता दें कि डॉक्टर की कोई फिक्स सैलरी नहीं होती। हर संस्थान अपनी क्षमता अनुसार डॉक्टर को सैलरी देती है चाहे वह कोई भी संस्थान हो। अगर सरकारी संस्थान की बात करें तो हर राज्य का अपना अलग अलग सैलरी स्ट्रक्चर होता है।

उसी तरह निजी संस्थान के भी अपना अलग सैलरी स्ट्रक्चर होता है। वैसे आपको बता दें कि भारत में दो तरह के सरकारी डॉक्टर होते हैं। एक जो केंद्र सरकार के अधीन होते हैं और एक राज्य सरकार के अधीन होते हैं। लेकिन दोनों की सैलरी में ज्यादा का अंतर नहीं होता। वर्तमान में एक सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर को लगभग ₹60,000 प्रतिमाह, वहीं विशेषज्ञ डॉक्टर को करीब ₹1 लाख प्रतिमाह दिया जाता है।

यह शुरुआती वेतन होता है, जो समय के साथ बढ़ता जाता है। ऐसा ही सैलरी निजी संस्थानों द्वारा भी दिया जाता है। अंतर सिर्फ इतना होता है कि निजी संस्थान की सैलरी सरकारी संस्थान से थोड़ा अधिक हो सकता है या थोड़ा कम। अमूमन देखा गया है कि शुरुआत में दोनों संस्थानों की सैलरी एक जैसी ही रहती है, जो समय समय के साथ बढ़ती रहती है।

हम आपको कुछ पॉपुलर मेडिकल कोर्सेज के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनको करने के बाद आपको डॉक्टर की डिग्री हासिल हो जाएगी। सभी कोर्सेज को करने के लिए आपको ट्वेल्थ (12th) में साइंस विद बायोलॉजी लेना जरूरी है और आप ट्वेल्थ क्लास परसेंट या ज्यादा मार्क्स के साथ पास होना भी जरूरी है। साथ ही लगभग सभी कोर्सेज के लिए आपको एंट्रेंस टेस्ट देना होता है। आइये अब हम फटाफट से एक एक करके सभी कोर्सेज को देख लेते हैं।

बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी कोर्स।

सबसे पहला है एमबीबीएस मतलब बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी। यह कोर्स साढ़े चार साल का होता है और उसके बाद आपको एक साल की इंटर्नशिप करनी पड़ती है, जिसकी वजह से यह कोर्स साढ़े पांच साल में जाकर पूरा होता है।

बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स।

अब बात करते हैं दूसरा कोर्स की जिसका नाम है बीडीएस यानी की बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी। यह भी एक बहुत ही पॉपुलर कोर्स है। इस कोर्स को करने के बाद आप दांतों के डॉक्टर यानि के डेंटिस्ट बन जाते हैं। यह कोर्स चार साल का होता है और इसमें भी हमें एक साल की इंटर्नशिप करनी होती है। जिसकी वजह से यह कोर्स पांच साल में जाकर पूरा होता है।

बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी कोर्स।

अब बात करते हैं तीसरे कोर्स की जिसका नाम है बीपीटी यानी की बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी। इस कोर्स में आपको फिजिकल एक्टिविटीज के जरिए मरीज को ठीक करना सिखाया जाता है। यह एक नॉन सर्जिकल कोर्स है, जिसमें ट्रीटमेंट से मरीज के शरीर के अंगों में हो रहे दर्द को खत्म या फिर काफी हद तक कंट्रोल किया जाता है।

आजकल यह कोर्स भी बहुत डिमांड में है, क्योंकि बदलते लाइफस्टाइल से लोगों के शरीर में ऐसी प्रॉब्लम्स होनी शुरू हो गई हैं, जिनको ठीक करने के लिए एक फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत पड़ती है। यह एक फुल टाइम कोर्स है और चार साल का होता है। इसको करने के बाद आपको छह महीने की इंटर्नशिप करनी पड़ती है, जिससे इस कोर्स की कंप्लीट ड्यूरेशन साढ़े चार साल रहती है।

दोस्तों अब हम आगे तीन कोर्स डिस्कस करने जा रहे हैं। उन सब में बीमारी को जड़ से खत्म कर देने पर जोर रहता है। तीनों ही कोर्स में यह माना गया है कि हमारा शरीर खुद को सही करने में सक्षम है। जरूरत है तो सिर्फ शरीर की मदद करने की, जिससे कि हमारी सेल्फ हीलिंग पावर या फिर खुद को ठीक करने की क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ जाए। आइए एक एक करके हम तीनों कोर्स को देख लेते हैं।

बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी कोर्स।

पहला कोर्स है बीएचएमएस यानी कि बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी। यह एक बहुत ही ज्यादा पॉपुलर कोर्स है जिसको पूरा करने पर आप एक होम्योपैथिक डॉक्टर बन जाते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया होम्योपैथी में बीमारी को जड़ से खत्म किया जाता है। आजकल भारत और विदेशों में भी होम्योपैथी बहुत पॉपुलर होती जा रही है। इसलिए इस कोर्स को करने के बाद आपके लिए बहुत अच्छी संभावनाएं हैं। यह कोर्स साढ़े चार साल का होता है और उसके बाद आपको एक साल की इंटर्नशिप करनी होती है, जिससे कोर्स कंप्लीट ड्यूरेशन साढ़े पांच साल हो जाती है।

बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी कोर्स।

दोस्तों अगली कोर्स है बीएएमएस या फिर बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी। आयुर्वेद विश्व के सबसे पुराने मेडिकल कोर्सेस में से एक है। आयुर्वेद में भी बीमारी को जड़ से खत्म किया जाता है। यह कोर्स भी साढ़े चार साल का होता है और बाद में आपको एक साल की इंटर्नशिप भी करनी होती है, जिससे कि यह कोर्स भी साढ़े पांच साल में जाकर पूरा होता है।

बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी कोर्स।

अब तीसरा कोर्स में आपको जो बता रहा हूँ उसका नाम है बीयूएमएस यानी कि बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी है। यह बहुत ही प्राचीन विधि है जो अगर इन बीमारियों को जड़ से खत्म करने में बहुत ही सक्षम है। यह कोर्स साढे चार साल का होता है और इसमें भी हम एक साल के अंदर इंटर्नशिप करनी होती है जिससे की यह कोर्स पूरा मिलाकर 05 साल का हो जाता है।

निष्कर्ष :

दोस्तों, एक डॉक्टर की भूमिका हम सबकी जिंदगी में बहुत बड़ी होती है। लोगों की जिंदगियां डॉक्टरों के हाथ में होती है इसलिए उन्हें पृथ्वी का भगवान कहा गया है। दोस्तों उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी। पसंद आई तो हमारे ब्लॉग को सुब्स्क्रिप्शन को अल्लोव जरूर कीजिये और इसे अपने दोस्तों के साथ में जरूर शेयर कीजिये जो डॉक्टर बनने की ख्वाहिस रखते हैं।

About Arvind

hello dosto मेरा नाम अरविन्द सिंह है और मैंने Mathematics से M.sc की है सरकारी नौकरी से सम्बंधित जानकारी एकत्र करता  हूँ और उस से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी अपने blog examshind.com पर आपको प्रदान करता हूँ। इस ब्लॉग पर आप को कोई भी जानकारी different sources से पढ़कर ही आपको दी जाती है। इस ब्लॉग पर कोई गलत information नहीं दी जाती है।

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