अनुच्छेद: ( 12-35 )
भाग: iii
Table of Contents
Molik adhikar KYA HAI
Molik adhikar को संविधान का मैग्ना कार्टा भी कहा जाता है मैग्ना कार्टा लैटिन भाषा में लिखा गया 15 जून 1215 ईस्वी टेम्स नदी के किनारे ब्रिटेन के किंग जॉन ने इस पर साइन किए इसके अनुसार राजा भी कानूनों का सम्मान करेगा।
आईये जान लेते है की maulik adhikar कितने है।
#अनुच्छेद 12: राज्य की परिभाषा
राज्य कहलाने के लिए निम्न बातों का पालन होना चाहिए
- क्षेत्रफल
- जनसंख्या
- सरकार
- संप्रभुता .
अनुच्छेद 13: न्यायिक पुनरावलोकन
संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद माना गया है सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 13, 32 के तहत यह शक्ति प्राप्त है कि हाईकोर्ट को अनुच्छेद 226 के तहत यह शक्ति प्राप्त है
#1. समानता का अधिकार ( 14-18)
अनुच्छेद 14: विधि के समक्ष समानता
यह अवधारणा ब्रिटेन के एक विचारक डाईची ने दी थी कानून सब पर समानता से लागू होगा किसी पर भी कानून का कोई भेदभाव नहीं होगा।
अनुच्छेद 14( ii ) विधि का सामान संरक्षण
कानून सब को संरक्षित करेगा बिना कोई भेदभाव के यह अवधारणा USA के संविधान से लिया गया है।
अनुच्छेद 15: मूल वंश धर्म जाति रंग लिंग के आधार पर भेदभाव का निषेध
किसी भी व्यक्ति का जो भारत में पैदा हुआ उसे भूल वंश धर्म जाति वर्ण लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो।
अनुच्छेद 16 : लोक नियोजन में अवसर की समानता
- राज्य निवास के आधार पर पक्षपात कर सकता है।
- आरक्षण की व्यवस्था जाति के आधार पर सरकार कर सकती है।
अनुच्छेद 17 : अस्पृश्यता का निषेध
1955 के नागरिक संरक्षण अधिनियम द्वारा अस्पृश्यता को प्रतिबंधित किया गया।
अनुच्छेद 18 : उपाधियों का अंत
#2. स्वतंत्रता का अधिकार (19-22)
अनुच्छेद 19 : बात व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
इसके अंतर्गत
- प्रेस की स्वतंत्रता
- सूचना का अधिकार
(a). सभा व सम्मेलन बुलाने की स्वतंत्रता
(b). संत बनाने का अधिकार
(c). घूमने फिरने की अधिकार
(d). रहनी या बसनी की स्वतंत्रता
(e). संपत्ति का अधिकार
(f). 44 वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया है
(g). जीविका उपार्जन का अधिकार
अनुच्छेद 20: अपराध के संबंध में दोष सिद्धि संरक्षण
अपराधी के दोषी करार होने के बाद भी उसे संरक्षण दिए जाते हैं
- स्वय के विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता
- एक ही अपराध के लिए दो बार सजा नहीं
- अपराधी को उसी कानून के तहत सजा मिलेगी जो कानून अपराध आधारित होने के समय लागू था .
अनुच्छेद 21: प्राण का दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार
6 से 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार 86 संविधान संशोधन 2002 द्वारा जोड़ा गया।
अनुच्छेद 22: निवारक निरोध के कानून
- प्रत्येक नागरिक को अपनी गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार है
- गिरफ्तार व्यक्ति को कानूनी मदद लेने का अधिकार है
- गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिए
- परंतु यह नियम उन पर लागू नहीं होते जिन्हें निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है
#3. शोषण के विरुद्ध अधिकार ( 23-24 )
- बलात श्रम का निषेध
- बंगार प्रथा पर रोक
- बंधुआ मजदूरी पर रोक
- मानव तस्करी पर रोक
अनुच्छेद 24: बाल श्रम का निषेध
#4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (25-28)
अनुच्छेद 25:
- सभी को अपना धर्म मानने का अधिकार है
- सभी को अपने धर्म का प्रचार प्रसार करने का अधिकार है
- अंत करण का अधिकार है
अनुच्छेद 26: धार्मिक स्थलों के प्रबंधन स्थााापित करने का अधिकार
चल अचल संपत्ति अर्जित करने का अधिकार
अनुच्छेद 27: राज्य धार्मिक कर नहीं लगा सकता।
अनुच्छेद 28: राजकीय संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा का निषेध।
#5. शिक्षा व संस्कृति संबंधी अधिकार ( 29-30)
अनुच्छेद 29: भाषा व लिपि के संरक्षण का अधिकार
अनुच्छेद 30: अल्पसंख्यकों द्वारा शिक्षण संस्थानों को स्थापना का अधिकार
#6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (32-35)
इस मौलिक अधिकार को डॉक्टर भीम राव अंबेडकर जी ने संविधान की आत्मा और हृदय कहा है।
इस अधिकार में पांच प्रावधान आते है।
- बंदी प्रत्यक्षीकरण
- अधिकार पृच्छा
- परमादेश
- उत्प्रेक्षण
- प्रतिषेध