नमस्कार दोस्तों आज हम पढ़ने बाले बाले है vakya ke bhed और वाक्य किसे कहते है।
वाक्य की परिभाषा
पदों का सार्थक मेल /योग /समूह वाक्य कहलाता है।
जैसे कमल जल में खिलता है।
- वर्ण : क, म, ल,
- शब्द : कमल = सार्थक शब्द
- पद : कमल का फूल = शब्दों क्क सार्थक समूह
- वाक्य : कमल जल में खिलता है = पदों क्क सार्थक समूह
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वाक्य के अवयव / तत्व = 6
- योग्यता – अग्नि से पौधे सींचे जाते है। (किसी पदार्थ में उसका जो गुण होता है जैसे पानी से पौधों को सींचा जाता है ना की अग्नि से अग्नि में पौधों को सींचने की योग्यता नहीं है।)
- क्रमबद्धता – रावण ने राम को मारा। (इस वाक्य में रावण ने राम को मारा है लेकिन राम ने रावण को मारा था इस वाक्य में क्रम गलत है।)
- स्पष्टता / यथार्थता – खाता है। ( क्या खाता है किसका खाता है कुछ स्पष्ट नहीं है। यहाँ स्पष्टता नहीं है।)
- सन्निधि – कमल जल में खिलता है। (यहाँ हमें वाक्य में बहुत सारा गैप दिया है इसे ही सन्निधि कहते है।)
- आकांक्षा – राजा दशरथ के चार थे। (इस वाक्य में राजा दसरथ के चार थे क्या चार थे यहाँ पुत्र की आकांक्षा है। )
- अन्वय – मरते मरते जीवन पा गया। (यहाँ संज्ञा नहीं दी कौन मरते मरते जीवन पा गया। )
जैसे :
- हाथियों ने घोड़ो को पछाड़ दिया – क्रमबद्धता / योग्यता (की कमी )
- जल कमल में खिलता है – योग्यता/ क्रमबद्धता (की कमी )
- पानी में आग लगा दी – योग्यता (की कमी )
- राम लक्षमण और वन में गए – अन्वय / आकांशा (की कमी )
वाक्य के अंग
- उद्देश्य कर्ता
- विधेय क्रिया
उद्देश्य कर्ता
जिन शब्दों का प्रयोग कर्ता के लिए होता है वह उद्देश्य का विस्तार कहलाता है।
- घोड़ा गाड़ी खींचता है। (यहाँ कर्ता है )
- माता पिता पार्क में बैठे है। (यहाँ कर्ता है )
- वे मैदान में खेल रहे है। (यहाँ कर्ता है )
विधेय क्रिया
वाक्य में जिन शब्दों का प्रयोग विधेय अर्थात क्रिया के लिए हो उन्हें विधेय का विस्तार कहते है।
- सुन्दर भारत का सपना देखने वाले नेता साधु आजकल जेल में पड़े है।
- मोहन,सोहन,श्याम, राम, तथा गीता, सीता आपस में पढ़ते-लिखते, खाते- पिते, खेलते कूदते है।
vakya ke bhed
रचना के आधार पर वाक्य के भेद – तीन
- सरल या साधारण वाक्य
- मिश्र या मिश्रित वाक्य
- संयुक्त या जटिल वाक्य
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद – आठ
- विधि या विधानवाचक वाक्य
- निषेधात्मक वाक्य या नकारात्मक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- आज्ञा वाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- विस्मय या सम्बोधन वाचक वाक्य
- संदेह वाचक वाक्य
- संकेत या सम्बन्ध वाचक वाक्य
सरल या साधारण वाक्य किसे कहते हैं
जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है उसे सरल या साधारण वाक्य कहते है।
जैसे : मोहन पढता है। ( यहाँ एक उद्देश्य है (मोहन) और एक विधेय (पढता) है।
जहां वाक्य में दो उद्देश्य और एक या दो विधेय होता है सरल वाक्य कहते है।
जैसे : माता-पिता पार्क में बैठे है। (यहाँ दो उद्देश्य माता पिता और एक विधेय बैठे है।)
जहां अनेक उद्देश्य और अनेक विधेय होते है सरल या साधारण वाक्य कहलाता है।
जैसे : मोहन,सोहन,श्याम, राम, तथा गीता, सीता आपस में पढ़ते-लिखते, खाते- पिते, खेलते कूदते है।
साधारण वाक्य के उदाहरण
- सूरज निकला , अँधेरा भगा।
- घंटी बजी सभी छात्र – छात्राये कमरे से बहार आ गए।
- राम स्कूल जाता है।
- पक्षी आकाश में उड़ते है।
- सुन्दर भारत का सपना देखने बाले नेता वा साधु आजकल जेल में दीवाली मना रहे है।
मिश्र या मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं
जहाँ किसी वाक्य में दो क्रिया परस्पर निर्भर / आश्रित हो
जहाँ एक क्रिया होने पर दूसरी क्रिया का होना पाया जाये।
जहाँ द्जो सरालवाक्य , उपवाक्य, आश्रित वाक्य निम्न समुच्चय बोधक अव्यय के द्वारा जुड़े हो-
कि, क्योकि, इसलिए, तो, चूँकि, बल्कि, जिससे, कि, जिसने, जो, त्यों, जैसा, वैसा, जितना, उतना, जैसे, वैसे, जो, आदि।
मिस्र या मिश्रित वाक्य के उदाहरण
- सूरज निकला इसलिए अँधेरा भागा
- घंटी बजी इसलिए सभी छात्र कमरे से बाहर आ गए।
- आप मुहे इतनी गली दो कि झगड़ा हो जाये।
- यदि बिहार में चुनाव निष्पक्ष हुए तो परीक्षाएं भी निष्पक्ष होंगी।
- बिजली चमकेगी तो बारिश होगी।
संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं
जहाँ दो उपवाक्य, सरल वाक्य, मिस्र वाक्य निम्न समुच्चय बोधक अव्यय के द्वारा जुड़े हो परन्तु क्रियाए निर्भर आश्रित न हो।
जहाँ निम्नलिखित समुच्चय बोधक अव्यय का प्रयोग हो और, या, व्, तथा, अथवा, किन्तु, परन्तु, लेकिन, वरन, यधपि, तथापि आदि।
जहाँ दो या दो से अधिक वाक्य एक साथ जुड़े हो परन्तु क्रियाए निर्भर न हो।
संयुक्त वाक्य के उदाहरण
- कृष्ण व बलराम दोनों भाई थे।
- रणबीर या रणधीर में से कोई एक जायेगा।
- सूरज निकला और अँधेरा भागा।
- घंटी बजी और सभी छात्र कमरे से बाहर आ गए।
- मै रेलवे स्टेशन पंहुचा परन्तु रेलगाड़ी चल दी।
- यधपि में वहां नहीं था तथापि पूरी घटना बता सकता हूँ।
अर्थ के आधार पर वाकय के भेद-8
विधि या विधानवाचक वाक्य या सकारात्मक वाक्य
- वाक्य में विधि अतार्थ भाग्य का नियम पाया जाता है।
- वाक्य में कार्य का होना पाया जाता है।
- वाक्य में घटना, कथन, व इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनितिक शास्त्र, विज्ञानं आदि विसयों के अनुकूल पाए जाते हैं।
उदहारण:
- सूरज पूरब दिशा में निकलता है
- पृथवी अपनी धुरी पर घूमती है।
- हिमालय पर्वत उत्तर दिशा में स्थित है।
- द्वारका के राजा श्रीकृष्ण थे।
- महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक लड़ा गया था।
निषेधात्मक या नकारातमक वाक्य
- वाक्य में कार्य का न होना पाया जाता है।
- वाकय में निषेधात्मक शब्द न, ना, नी, नहीं मत-मना करना, वर्जित, निषेध आदि का प्रयोग होता है।
उदहारण:
- न खुदा मिला न विसाले सनम ध्रूमपान करना वर्जित है।
- प्रवेश निषेध।
- शोर मत करो।
इच्छावाचक वाक्य
1.वाक्य में इच्छा, आशा, शुभकामना, बद्दुआ, धमकी का भाव होता है।
उदहारण:
- चलो एक-एक कप चाय हो जाए।
- आप परिवार के साथ आओ तो और अच्छा होगा।
- आपकी यात्रा मंगलमय हो।
- बुरी नज़र वाले तुम्हारे बच्चे जिए ताकि बड़े होकर तुम्हारा खून पीये।
- तुम्हे मार डालूंगा।
आज्ञात्मक वाक्य
वाक्य में आज्ञा, अनुमति, आदेश, निवेदन, सलाह, सुझाव, परामर्श का भाव होता है।
- रामु पांच गिलाश पानी लाओ।
- मोहन से कहो चार कप चाय भिजवाए।
- कृपया गंदगी न फैलाये।
- आप जा सकते हो।
- आप अपनी बात कह सकते हो।
प्रश्नवाचक वाक्य
वाक्य में प्रश्नवाचक शब्द कब, कहा, कैसे, क्या कौन आदि का प्रयोग होता है तथा प्रश्नवाचक चिन्ह ? प्रयुक्त होता है।
उदहारण:
- आप कहा रहते हो।
- आप खाने में क्या लोगे।
- देखो तो घर पर कौन आया है।
- देश को आज़ादी कब मिली।
- आप सब कैसे हो।
सदेहवाचक वाक्य
वाक्य के आरम्भ में शायद हो सकता है, संभव है आदि संदेह को व्यक्त करने वाले शब्दों का प्रयोग होता है।
उदहारण:
- शायद मैं कल ना आऊं।
- हो सकता है आपकी परीक्षा मार्च या अप्रैल में हो जाए।
- लगता है आपने अभी अपनी तैयारी अच्छे से नहीं की।
संकेत या समानधवाचक वाक्य
- सारे मिश्र वाक्य
- जहाँ एक क्रिया के होने से दूसरी क्रिया के होने का संकेत मिलता हो।
- जहाँ दो क्रियाओं में परस्पर सम्बन्ध/ निर्भरता हो।
उदहारण:
- बिजली चमकेगी तो वर्षा होगी
- सूरज निकला इसलिए अँधेरा भागा।
- गाँधी जी ने कहा की सदा सत्य बोलो।
- जितनी आमदनी उतना खर्च।
- जैसी करनी वैसी भरनी।
विस्मयबोधक या समान्ध्बोधक वाक्य
आश्चर्य-शाबाश, काश, वाह, हर्ष
हर्ष– ओहो, ओये, हा-हा
शोक-त्राहि-त्राहि, बाप रे बाप
ग्लानि/घृणा-छी-छी,यू-यू,धत तेरे की
आशीर्वाद– जीते रहो, आयुष्मान भव:, दीर्घायु से
सम्बोधन– हे, ऐ, अरे, अजी
उदहारण:
- शाबाश ! आपने तो कमाल कर दिया।
- काश ! आप थोड़ा पहले आये होते।
- अजी ! आप तो सुनते ही नहीं हो।
- आह ! कितना सुन्दर दृश्य।
- हाँ-जी-हाँ ! आपको ही बुला रहा हूँ।
वाच्य (कहना)
- वाच्य में कर्ता, कर्म, भाव में से किसी जिसकी प्रधनता होती है उसे वाच्या कहते है
- वाक्य जिस वाक्य को व्यक्त करे वह वाच्य कहलाता है।
वाच्य 3 प्रकार के होता है
- कृत वाच्य-कर्ता की प्रधानता जैसे:- सहवाग क्रिकेट खेलता है
- कर्म वाच्य- सहवाग द्वारा क्रिकेट खेला जाता है।
- भाव वाक्य- सहवाग से क्रिकेट नहीं खेला जाता।
वाक्य के भेद- 3
कृत वाच्य
- कृत वाच्य में करता की प्रधानता होती है।
- करता के साथ अधिकांशत: कारक चिन्ह अर्थात परसर्ग का प्रयोग नहीं किया जाता है।
- वाक्य में दी गयी क्रिया का लिंग वचन, पुरुष कर्ता के अनुसार होता है अर्थात क्रिया के लिंग,वचन, पुरुष का निर्धारण कर्ता के अनुसार होगा।
- कृत वाच्य के वाक्य में अकर्मक व् सकर्मक दोनों क्रियाओं का प्रयोग होता है।
उदहारण:
- बच्चा रोता है।
- ड्राइवर बस चला रहा है।
- पक्षी आकाश में उड़ते है।
- बच्चे मैदान में खेलते है।
- सहवाग क्रिकेट खेलता है।
- मीरा खाना खाती है।
- राधा गाना गाती है।
कर्म वाच्य
- कर्म वाच्य के वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है।
- कर्ता के साथ ने के द्वारा कारक चिन्ह अर्थात परसर्ग का प्रयोग किया जाता है।
- वाक्य में क्रिया का लिंग, वचन, पुरुष कर्म के अनुसार निर्धारित होता है।
- कर्म वाच्य के वाक्य में केवल सकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है।
उदहारण:
- सहवाग के द्वारा क्रिकेट खेली जाती है।
- सीता द्वारा पत्र लिखा जाता है।
- मीरा के द्वारा अखवार पड़ा गया।
- भारत-पाक युद्ध में हज़ारों सैनिक मारे गए।
- निबंध मेरे द्वारा लिखा गया।
- छात्रों ने नाटक की प्रस्तुति दी।
- बच्चो द्वारा पाठ पड़ा गया।
- अध्यापक ने गाडित की परीक्षा ली।
- किसान द्वारा खेत जोता गया।
- राम ने पुस्तक पड़ी।
भाव वाच्य
- भाव वाच्य में क्रिया का न होना पाया जाता है।
- भाववाच्य के वाक्य में कर्ता के साथ ‘से’ कारक चिन्ह अर्थात परसर्ग का प्रयोग किया जाता है।
नोट- जब वाक्य में कर्ता के साथ ‘से’ क्रिया के साथ न, ना, नी, नहीं आदि निषेधात्मक शब्द आएं।
उदहारण:
- सहवाग से क्रिकेट नहीं खेली जाती है।
- दादाजी से कहानी नहीं सुनाई जाती है।
- आपसे पड़ा नहीं जाता है।
- मेरे से चला नहीं जाता है।