जब हम रात को बाहर जाते है तो हमें आसमान में चाँद दिखाई देता है और इसके साथ साथ तारे दिखाई देते है तारे गैसों से भरी गेंद जैसे होते है जो गर्मी और रौशनी देते है धरती से बहुत दूर रहने के कारण ये हमें बहुत छोटे और टिमटिमाते हुए दिखाई देते है।
दिन में हमें सूरज दिखाई देता है सूरज भी एक तारा ही है जो हमें गर्मी और रोशनी देता है सूर्य हमारे लिए बहुत जरुरी है पृथ्वी पर रहने के लिए बहुत ही जरुरी है इसके बिना पृथ्वी के तापमान में कमी होने के कारन यह ठंडी हो जाएगी और इंसानो के रहने के लिए नहीं रहेगी।
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Solar system in Hindi
solar system से परीक्षा में बहुत प्रश्न पूछे जाते है solar system से RRB NTPC, RRB GROUP D, SSC CGL, SSC CHSL, और भी परीक्षा है जिसमे सौरमंडल से प्रश्न पूछे जाते है।
मैंने इस अपनी पोस्ट solar system in hindi में सौरमंडल से जुड़े सारे सबालो के जबाब मिल जायेंगे इस पोस्ट को पूरा पढ़े तथा इससे सम्बंधित quiz भी दे।
solar system को पढ़ने के लिए पहले हम जानते है solar system kya hota hai
What is solar system in Hindi 2020
सूर्य और सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाने बाले गृह और ग्रह के चोरो और चक्कर लगाने बाले उपग्रह , छुद्रग्रह , धूमकेतु , उल्का पिंड आदि से मिलकर बनता है हमारा सौरमंडल
solar system में सूर्य को हटाकर तथा पृथ्वी सहित आठ ग्रह, उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्काएं, प्लाज्मा, ( विद्युत आवेशित गैस ) आदि सम्मिलित है।
सूर्य sun

सूर्य हमारे सौरमंडल का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग है सूर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित तथा पृथ्वी के सबसे निकट का तारा है यह बहुत विशाल हे और बहुत साडी गर्म गैसों से मिलकर बना है। इसमें खिंचाब बल होता हे जो सूरज को solar system से जोड़े रखता है।
सूर्य ही है जो पुरे सोलर सिस्टम में प्रकाश और उष्मा देता है सूर्य लगातार विभिन्न प्रकार की किरणे उत्सर्जित करता है जिसमे अवरक्त किरण , एक्स किरण , गामा किरण , रेडियो तरंग , पराबैगनी किरणे , तथा प्लाज्मा शामिल है।
सूर्य में गुरुत्वाकर्षण होता है जिसके कारण ही अन्य गृह और आकाशीय पिंड सूर्य के चारो और चक्कर लगाते है सूर्य में हमें काले और चमकीले धब्बे दिखाई देते है उनमे काले धब्बो को सौर धब्बे (sun spot) तथा चमकीले धब्बो को प्लेजेस plages बोला जाता है।
सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी 15 करोड़ किलोमीटर दूर है सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट का तारा है और सूर्य के बाद प्रोक्सिमा सेंचुरी पृथ्वी के सबसे निकट का तारा है। पृथ्वी पर सूर्य के प्रकाश को आने में 4.3 बर्ष लगता है।
पृथ्वी से औसत दूरी | 149.8 मिलियन किलोमीटर |
सूर्य का व्यास | 1384000 किलोमीटर |
सूर्य का व्यास पृथ्वी की तुलना में | 109 गुना ज्यादा |
सतह का तापमान फोटोस्फीयर | 6000 c |
क्रोड सतह का तापमान | 15 मिलियन सेंटीग्रेड |
संघटन | हाइड्रोजन 71%, हीलियम 26.5% |
चन्द्रमा Moon

पृथ्वी के पास चन्द्रमा एकमात्र उपग्रह है चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण का मान पृथ्वी के मान का 1 /6 है और इसका व्यास के व्यास का एक चौथाई है चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं है क्युकी वंहा पर गुरुत्वाकर्षण का मान बहुत कम है पृथ्वी से देखने पर चन्द्रमा हमें आकार में बढ़ा दिखाई देता है क्युकी यह हमारी पृथ्वी के बहुत नजदीक है।
चन्द्रमा के प्रकाश को पृथ्वी पर आने के लिए १.२५ सेकेण्ड लगते है दीर्घवृत्ताकार कक्षा में चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है यह हमारी पृथ्वी से ३,८४,४०० किलीमीटर दूर है इसकी अधिकतम तथा न्यूनतम दुरी को एपोजी और पेरोजी कहा जाता है।
चन्द्रमा अपनी धुरी पर घूमता है अपनी धुरी की अवधि २७.३२ दिनों में पूरी करता है और यह पृथ्वी का चक्कर लगाने में २७ दिन का समय लेता है पृथ्वी से चन्द्रमा का केवल ५९ प्रतिशत ही भाग दिखाई देता है।
चन्द्रमा का आयतन | 2.1958 किमी3 |
चन्द्रमा का द्रव्यमान | 7.3477 किलोग्राम |
चन्द्रमा का पलायन वेग | 2.38 km/s |
गुरुत्वाकर्षण | पृथ्वी का 1 /6 |
आकार | क्रिकेट बाल |
गृह Planet
सूर्य से दुरी के अनुसार हम आठ गृह को पढ़ेंगे सूर्य के सबसे निकट गृह बुध गृह है इसके बाद शुक्र , पृथ्वी , मंगल , बृहस्पति , शनि , अरुण , वरुण , और प्लूटो आता है अब प्लूटो गृह की श्रेणी नहीं आता है।
प्लूटो गृह की श्रेणी में ना आने का कारण
- प्लूटो का आकार बहुत छोटा था।
- इसकी कक्षा दूसरे गृह की कक्षा को काटती थी।
बुध गृह Mercury

बुध गृह solar system के आठ ग्रहो में सबसे छोटा गृह है यह सूर्य के सबसे निकट का गृह है इसका सबसे महत्वपूर्ण गुण है इसमें चुंबकीय क्षेत्र होता है। सूर्य के सबसे पास होने के कारण इसके परिक्रमण करने की गति सबसे तेज है।
इसका परिक्रमण काल ८८ दिन का है बुध के अक्ष का झुकाव solar system में किसी भी गृह से बहुत काम है। इसका कोई उपग्रह नहीं है।
बुध गृह पर रातें बहुत ठंडी और दिन बहुत गर्म होते है।
आयतन | 6.083×1010 कि.मी3 |
द्रव्यमान | 3.3022×1023 कि.ग्राg |
पलायन वेग | 4.25 कि.मी/सें |
उपग्रह | कोई नहीं |
परिक्रमण काल | 88 दिन |
शुक्र गृह Venus

शुक्र सौरमंडल का सबसे गर्म गृह है सूर्य के दूसरे सबसे निकट का होने के कारन इसका तापमान बहुत अधिक होता है यह चन्द्रमा के बाद रात में चमकने बाला दूसरा गृह है इसका आकार और द्रव्यमान पृथ्वी के आकार और द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है। इसलिए इसे पृथ्वी की जुड़वा बहन के नाम से भी जाना जाता है।
इस गृह का नाम सौन्दर्य की देवी रोमन देवी के नाम पर रखा गया है इसे प्यार और सुंदरता की देवी goddess of beauty and love भी कहा गया है।
शुक्र गृह सूर्य उदय होने के पहले और सूर्यास्त होने के बाद ही इसमें अधिक चमक पैदा होती है। इसलिए इसे संध्या का तारा और भोर का तारा भी कहा जाता है।
आयतन | 9.28 x 1011 किमी3 |
द्रव्यमान | 4.868 5×1024 किग्रा |
पलायन वेग | 10.36 किमी/सेकंड |
सूर्य की परिक्रमा | 224.7 दिन |
गृह | स्थलीय |
पृथ्वी Earth

सूर्य से दूरी के अनुसार इसका स्थान तीसरा है आकार के अनुसार इसका स्थान पांचवा है ब्रह्माण्ड में यह एक ही ऐसा गृह हे जिस पर जीवन संभव है पृथ्वी सूर्य के चारो और चक्कर लगाती है। पृथ्वी पर अधिक मात्रा में पानी है जिसके कारण इसे नीला गृह भी कहा जाता है।
पृथ्वी का एक साल लगभग ३६५.२६ दिन लम्बा होता है। पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में ३६५ दिन ५ घंटे ४८ मिनट लगते है। पृथ्वी को सूर्य के एक चक्कर पूरा करने में लगे समय को सौर बर्ष कहा जाता है।
यह सौरमंडल का एकमात्र गृह है जहा स्थलमंडल , जलमंडल , और वायुमंडल के अतिरिक्त जैवमंडल भी पाया जाता है। इसका अक्ष उसके कक्षा-तल पर बने लम्ब से २३ डिग्री ३० मिनट साढ़े २३ डिग्री झुकी हुई है इसका उपग्रह चन्द्रमा है।
सूर्य से इसकी दूरी १४९.६ मिलियन किलोमीटर हैपृथ्वी पर ऋतू परिवर्तन पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी इसकी स्थिति में परिवर्तन के कारण होता है।
पृथ्वी के सबसे निकट का तारा सूर्य के बाद प्रक्सिमा सेंचुरी है यह एक अल्फ़ा सेंचुरी समूह का एक तारा है इसकी दूरी पृथ्वी से ४.२२ प्रकाशबर्ष है।
बिषुवतीय व्यास | 12756 किलोमीटर |
धुर्वीय व्यास | 12713.6 किलोमीटर |
दोनों व्यासो अंतर | 43 किलोमीटर |
अक्ष पर झुकाव | 23 डिग्री 30 मिनट |
पश्चिम से पूर्व चाल | 1610 किलीमीटर / घंटा |
मंगल गृह Mars

यह गृह सूर्य से चौथे स्थान पर है पृथ्वी से इसे देखने पर यह red color का दिखाई पढता है इसे लाल गृह Red planet भी कहा जाता है क्युकी मंगल गृह पर Iron oxide पाया जाता है जिसके कारण इसका रंग लाल दिखाई पढता है।
हमारे सौरमण्डल में दो तरह के गृह पाए जाते है एक जिनपर जमीन होती है दूसरे जिंन पर गैसे पाई जाती है मंगल गृह भी पृथ्वी के जैसा धरातल बाला गृह है।
अपने कक्षा तल पर 25 डिग्री झुके होने के कारण यहाँ पृथ्वी की तरह ऋतू परिवर्तन होता है मंगल अपनी धुरी पर 24 घंटे में चक्कर लगाता है।
भारत मंगल गृह पर अभियान भेजने बाला दुनिया का चौथा तथा एशिया का पहला देश है।
मंगल गृह के दो उपग्रह है
- फ़ोबोश phobo
- डिमोश Deimos
मंगल गृह को सूर्य की परिक्रमा करने में 687 दिन लगते है सौरमंडल का सबसे बढ़ा ज्वालामुखी ओलिंपस मेसी और सौरमंडल का सबसे ऊचा पर्वत निक्स ओलम्पिया Nix olympia जो की माउन्ट एवेरेस्ट से तीन गुना अधिक ऊंचा पर्वत है मंगल गृह पर ही स्थित है।
मंगल गृह का आयतन | 1.6318×1011 कि॰मी॰3 |
मंगल गृह का द्रव्यमान | 6.4185×1023 कि.ग्रा. |
पलायन वेग | 5.027 कि॰मी॰/सेकण्ड |
सूर्य की परिक्रमा | 687 दिन |
मंगल गृह के दो उपग्रह | फ़ोबोश, डिमोश |
सौरमंडल का सबसे ऊचा पर्वत | Nix olympia |
बृहस्पति jupiter

यह हमारे सौरमंडल का सबसे बढ़ा गृह है इसका आयतन पृथ्वी के आयतन का 1300 गुना है यह सूर्य से पांचवा गृह है यह गृह द्रव्य और गैस से मिलकर बना है मंगल गृह को सूर्य की करने में बारह बर्ष लगते है और यह अपनी धुरी पर एक चक्कर दस घंटे में लगता है।
बृहस्पति का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग एक हजार वा भाग है यह सौरमंडल के सरे ग्रहो में से सबसे तेज गति बाला गृह है बृहस्पति गृह में ठोस सतह नहीं पाई जाती है।
इसके 79 उपग्रह है जिसमे गैनिमीड जो की पिले रंग का है सभी उपग्रहों में सबसे बढ़ा है।इसका द्रव्यमान सोलर सिस्टम के सभी गृह को मिलाकर के द्रव्यमान का २.5 गुना है।
सूर्य से दुरी | 77 करोड़ 80 लाख किमी |
अक्षीय झुकाव | 3.13 डिग्री |
उपग्रह | 79 |
बना है | हीलियम और हाइड्रोजन |
बृहस्पति का आयतन | १.४३१३×१०१५ ;कि॰मी॰3 |
बृहस्पति का द्रव्यमान | 1.8986×1027 कि.ग्रा |
शनि Saturn

शनि सौरमंडल में बृहस्पति के बाद दूसरा सबसे बढ़ा गृह है यह सूर्य से छठे नंबर पर आता है इस पर सात छल्ले पाए जाते है यह इसकी मुख्य विशेषता है आकाश में देखने पर पिले तारे के सामान दिखाई देता है।
इसका घनत्व बहुत काम है सौरमंडल के सरे गृह में इसका घनत्व बहुत काम यदि इसे पानी में रखा जाये तो ये पानी में तैरने लगेगा। शनि के मुख्यता 62 उपग्रह है इसका सबसे बढ़ा उपग्रह टाइटन है सोलर सिस्टम में एक मात्र ऐसा गृह जिसका अपना उपग्रह है।
टाइटन हमारे सौरमंडल का सबसे बढ़ा दूसरा उपग्रह है इसका आकार बुध गृह के बराबर है इसकी खोज 1665 में डैनमार्क के खगोलशास्त्री क्रिश्चियन हाईजॉन ने की थी तथा इसका पृत्वी के जैसा सघन वायुमंडल है।
आकार | पृथ्वी से 95 गुना बढ़ा |
सूर्य से दुरी | 1.4 अरब डॉलर से अधिक |
शनि | गैस दानव के रूप में घोषित |
शनि आयतन | 1.4313×1015 कि॰मी॰3 |
शनि का द्रव्यमान | 5.6846×1026 kg |
शनि का पलायन वेग | 35.5 km/s |
अरुण Uranus

यूरेनस सूर्य से सातवां और आकार में तीसरा सबसे बढ़ा गृह है यूरेनस की खोज 1781 में विलियम हर्शेल सेल द्वारा की गई यह ग्रह अपने कक्ष तल से 98 डिग्री झुका है ब्यास की आधार पर यह सौरमंडल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा सबसे बड़ा ग्रह है
यह पृथ्वी के द्रव्यमान से 14.5 गुना अधिक भारी और पृथ्वी के आकार से 63 गुना अधिक बड़ा है सौर मंडल में सभी ग्रह घुणन करते हैं परंतु यह ग्रह लुढ़कता हुआ दिखाई देता है इसका प्रकाश हरे रंग का दिखाई देता है इसे लेटा ग्रह भी कहते हैं।
तथा यह सूर्य के चारों ओर चक्कर घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में करता है इसके चारों ओर 5 छल्लो का नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, एवं इप्सिलोन है यह अपने कक्ष पर पूरब से पश्चिम की ओर घड़ी की दिशा में घूमता है।
जबकि अन्य ग्रह पश्चिम से पूरब की ओर गाड़ी की विपरीत दिशा में घूमते हैं यह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना चुका है कि लेटा हुआ दिखाई देता है इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाइटेनिया है।
यूरेनस का आयतन | 6.833×1013 km |
यूरेनस का द्रव्यमान | (8.6810 ± 0.0013)×1025 kg |
यूरेनस का पलायन वेग | 21.3 km/s |
यूरेनस की खोज | 13 मार्च 1781 |
सूर्य दूरी | 3 अरब किमी |
वरुण Neptune

मीथेन गैस के कारण अरुण और वरुण गृह हरा दिखाई देता है तथा दोनों का आकार भी सामान है इसलिए इन्हे जुड़वाँ गृह भी कहा जाता है इसकी खोज जर्मन खगोलज्ञ जहाँन गाले ने 1846 ईस्वी में की थी।
यह आकार में पृथ्वी से 15 गुना बढ़ा गृह है इसको सूर्य की परिक्रमा करने में १६४.89 बर्ष लगते है हमारे सौरमंडल में चार गृह को गैस दानव कहा जाता है क्युकी इन पर ठोस धरातल नहीं होता है।
इन पर गैस पायी जाती है इसकी भविष्यवाणी बिना देखे गणित के अध्यन से की गई थी।इस मामले में यह पहला ऐसा गृह है।
वरुण गृह का आयतन | 6.254×1013 km3 |
वरुण गृह का द्रव्यमान | 1.0243×1026 kg |
सूर्य से दूरी | 4 .50 अरब किमी |
सूर्य की परिक्रमा | 164.89 बर्ष |
खोज | जहाँन गाले ने 1846 ईस्वी |