preamble meaning in Hindi – प्रस्तावना
The Preamble of constitution of india से एग्जाम में बहुत सारे प्रश्न पूछे जाते हैं Importance Of Preamble भारतीय संविधान की प्रस्तावना एक ऐसा टॉपिक है अगर आपने इसे सही से पढ़ लिया तो आपको indian constitution का 50% भाग समझ में आ जाएगा।
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Indian constitution preamble in Hindi
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 13 दिसंबर 1946 को उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जो संविधान सभा की तीसरी मीटिंग थी इस सभा में संविधान का उद्देश्य के बारे में चर्चा हुई यह preamble पंडित जवाहरलाल नेहरू के उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है।
सांसदों को प्रस्तावना में परिवर्तन करने का अधिकार है परंतु उसकी मौलिक संरचना में बदलाव नहीं कर सकती प्रस्तावना संविधान की आधारभूत संरचना है 42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा प्रस्तावना में 3 नए शब्द जोड़े गए
- समाजवाद
- पंथनिरपेक्ष
- अखंडता
Bhartiye samvidhan ki prastavna
हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 को को एतद् द्वारा संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मा समर्पित करते हैं |
Importance Of Preamble
हम भारत के लोग We the people of india
इसके अनुसार भारतीय संविधान की शक्ति का स्त्रोत भारत की जनता को बताया गया है संविधान निर्माता ने संविधान को सर्वोच्च बताया है लेकिन संविधान को शक्ति भारत की जनता से मिलती है।
संप्रभुता sovereignty
ऐसा देश जो स्वयं फैसले ले सकता है तथा किसी बाहरी देश का उसमें कोई दखलंदाजी ना दे सके जो पूर्ण स्वतंत्र हो।
समाजवादी socialist
इस शब्द को 42 वें संविधान संशोधन 1976 के तहत जोड़ा गया इसका तात्पर्य यह है कि समाज में किसी भी प्रकार की और समानता नहीं होनी चाहिए गरीबी तथा बेरोजगारी को खत्म होनी चाहिए गरीब के जीवन स्तर को ऊंचा करना।
पंथनिरपेक्ष secular
इसका तात्पर्य यह है कि देश में किसी विशेष धर्म को महत्व न देकर बल्कि सभी धर्मों को समान समझना चाहिए।
लोकतंत्रात्मक Democratic
भारत की जनता द्वारा अपने प्रतिनिधि को खुद चुना व्यस्क मताधिकार, समाजिक चुनाव, कानून की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, भेदभाव का अभाव भारतीय राजव्यवस्था के लोकतांत्रिक लक्षण के स्वरूप हैं।
गणराज्य Republic
भारत में वंशानुगत शासन ना होकर बल्कि भारत के लोगों द्वारा अपने प्रतिनिधि एक अवधि के लिए चुने जाते हैं।
Purpose of preamble | लक्ष्य
संविधान की प्रस्तावना यह बताती है कि भारत को अपना दृष्टिकोण और लक्ष्य क्या रखना चाहिए संविधान को पढ़ने और समझने से पहले आपको भारत के संविधान की प्रस्तावना को समझना होगा।
Question of the preamble of the Indian constitution
- किस case में suprime court ने कहा था की प्रस्तावना संविधान का भाग नहीं हे Berubari case 1960
- किस case में suprime court ने माना था की प्रस्तावना संविधान का भाग हे keshbanand Bharti case 1973
- संविधान की शक्ति का स्त्रोत है भारत की जनता
- प्रस्तावना की अवधारणा कहा से ली गई USA
- प्रस्तावना की भाषा ऑस्ट्रेलिया
- किसने कहा संविधान की जन्मकुंडली प्रस्तावना है KM munshi
- संविधान का कुंजी नॉट हे Arnest Barker
- प्रस्तावना संविधान की आत्मा है ठाकुर दास भार्गव और पंडित जवाहर लाल नेहरु
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