REET का फुल फॉर्म Rajasthan Eligibility Examination for teacher है। हम सभी निरंतर सफल होने की कामना करते हैं और उसके लिए कई प्रयास भी करते हैं। हमारे प्रत्येक व्यवसाय के लिए कुछ निश्चित मानदंड तथा कुछ निश्चित प्रक्रिया होती है जिनका हम सभी को पालन करना पड़ता है और यह पालन करना आवश्यक भी है तभी कोई भी प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न करवाई जा सकती है।
यूं तो कई व्यवसाय हैं परंतु अध्यापन को सबसे महत्वपूर्ण व्यवसाय माना जाता है क्योंकि यही वह व्यवसाय है जो भविष्य के डॉक्टर, इंजीनियर, वकील अध्यापक आदि अनेक व्यवसायों को जन्म देता है।
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Reet क्या है full form of reet in hindi
प्राचीन काल में जहाँ गुरु शिष्य परंपरा का प्रचलन था वहाँ अध्यापन के लिए कुछ निश्चित मानदंड नहीं थे परंतु आज के समय में न सिर्फ निश्चित मानदंड है बल्कि निश्चित योग्यताएं व डिग्रियों का भी बहुत महत्व है।
आज के समय में शिक्षक बनने के लिए निश्चित पाठ्यक्रम, निश्चित पुस्तक सामग्री तथा निश्चित समय सारणी को भी शामिल किया जाता है
सभी वर्गों को लाभ
2011 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा एक परिपत्र जारी किया गया जिसमें अध्यापक बनने के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दी गई और न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 60 प्रतिशत निश्चित किए गए। हालांकि सभी राज्य अपने अनुसार परीक्षा लेने के लिए स्वतंत्र हैं। वे अपने अनुसार परीक्षा की तिथि,परीक्षा का स्थान तथा अन्य आवश्यक तैयारी कर सकते हैं।यह परीक्षा मात्र एक विशेष वर्ग को लाभ ना पहुंचाएं बल्कि सबको लाभ पहुंचे इसलिए आरक्षित वर्गों को विशेष छूट देने का भी प्रावधान रखा गया है।

what is reet exam in hindi
राजस्थान में इस अध्यापक पात्रता परीक्षा को पहले RTET(Rajasthan Teacher Eligibility Test) के रूप में शुरू किया गया और बाद में इसका आयोजन REET (Rajasthan Eligibility Examination for teacher) के नाम से किया जाने लगा। इस भर्ती प्रक्रिया को कई विवादों से गुजरना पड़ा जिसके चलते इसमें समय अनुसार संशोधन होते रहे।
REET परीक्षा द्वारा तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की भर्ती की जाती है अर्थात वे सभी व्यक्ति जो राजस्थान में तृतीय श्रेणी के शिक्षक बनना चाहते हैं उन्हें REET परीक्षा उत्तीर्ण करनी ही होगी।
नोडल एजेंसी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर REET परीक्षा का आयोजन करती है। जो व्यक्ति इस परीक्षा में सफल होते हैं उनकी सूची प्रकाशित की जाती है तथा उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। यह सर्टिफिकेट 3 वर्ष के लिए ही मान्य होता है।
विभिन्न लेवल व योग्यताएं
REET परीक्षा के 2 लेवल होते हैं। जहां पहला लेवल प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए होता है और दूसरा लेवल उच्च प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए होता है। लेवल के अनुसार ही दोनों की योग्यताएं भी अलग-अलग हैं।
जहां लेवल 1 के लिए उच्चतर माध्यमिक में 50% अंक तथा प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्ष का डिप्लोमा होना चाहिए। वहीं लेवल 2 के लिए स्नातक में 50% प्रतिशत अंकों के साथ B.ed होनी चाहिए। B.ed के अंतिम वर्ष में अध्ययन कर रहे अभ्यर्थी भी इस परीक्षा के लिए योग्य माने जाते हैं ।
वे अभ्यर्थी जो विशेष शिक्षा में डिप्लोमा करते हैं उन्हें विशेष शिक्षा के शिक्षक पदों के लिए ही मान्यता दी जाएगी अर्थात अन्य सामान्य पदों के लिए योग्य नहीं होंगे ।
reet syllabus
समय के अनुसार परिवर्तन आवश्यक हो जाता है इसलिए REET परीक्षा में भी कुछ परिवर्तन किए गए हैं ।
जहां पहले लेवल 1 और लेवल 2 के लिए दो अलग-अलग पेपर आयोजित किए जाते थे वहां अब दोनों लेवल के लिए एक ही पेपर का आयोजन किया जाता है।
हालांकि रीट पाठ्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है परंतु नए पैटर्न के अनुसार अब प्रश्न पत्र को पांच खंडों में विभाजित किया जाएगा।
खंड तथा पाठ्यक्रम का वर्णन इस प्रकार है
1.बाल विकास एवं शिक्षण विधियां
2.भाषा-हिंदी/अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू/सिंधी/पंजाबी/गुजराती
3.भाषा-हिंदी/अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू/सिंधी/पंजाबी/गुजरात
4.गणित(L-1) गणित एवं विज्ञान विषय-(L-2)
5.पर्यावरण अध्ययन(L-1) सामाजिक विज्ञान(L-2)
भाषा का चयन
परीक्षा में खंड 2 व खंड 3 में भाषा का चयन करना पड़ता है। दिए गए भाषा विकल्पों में से कोई भी विकल्प चुनना पड़ता है परंतु खंड 2 में जिस माध्यम में आपका शिक्षण हुआ है वह भाषा चुनाव करना होता है और खंड 2 में जिस भाषा में आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं वह भाषा आप चयन कर सकते हैं, परंतु दोनों ही खंडों में एक ही भाषा नहीं होनी चाहिए अर्थात यदि आप खंड 2 में हिंदी का चयन करते हैं तो खंड 3 में आप हिंदी के अतिरिक्त कोई भी अन्य भाषा का चयन कर सकते हैं।
विभिन्न वर्गों के लिए विभिन्न नियम
रीट परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं। यह नियम सामान्य वर्ग के लिए है। अनुसूचित जनजाति के लिए न्यूनतम 55% अंक प्राप्त करना जरूरी है। सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में विभिन्न वर्गों के लिए अंकों का अनिवार्य प्रतिशत इस प्रकार दिया गया हैहै;
1.General (सामान्य वर्ग के लिए) 60 प्रतिशत
2.ST/SC/OBC/MBS/EWS/ के लिए 55 प्रतिशत
3.विधवा परित्यक्ता तथा भूतपूर्व सैनिकों के लिए 50 प्रतिशत
4.दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रतिशत 5.सहरिया TSP आदिवासी क्षेत्रों के अभ्यर्थियों के लिए 36 प्रतिशत
तो यह थी रीट परीक्षा से संबंधित कुछ आवश्यक जानकारी । यह जानकारी औपचारिक रूप से वेबसाइट पर जारी की जाती है जो कि रीट देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पता होनी चाहिए ।
व्यवहारिक पहलू
परंतु हर विषय के दो पहलू होते हैं एक पहलू वह जो सिद्धांतों की बात करता है और दूसरा पहलू वह जो व्यवहारिकता की बात करता है। व्यावहारिक रूप से अगर हम देखें तो जैसे ही राजस्थान में रीट परीक्षा आयोजन की गतिविधियां आरंभ होती हैं तभी से यह परीक्षा सुर्खियों में आ जाती है। इस परीक्षा के आयोजन के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और प्रशासन पूरी कोशिश करता है कि पुरानी गलतियां दोबारा ना होने पाएँ, परंतु फिर भी प्रत्येक बार कुछ नई चुनौतियां सामने आती हैं ।
कुछ चुनौतियों का वर्णन इस प्रकार है;
विशाल जनसंख्या कम संसाधन
बहुत बड़ी संख्या में अभ्यर्थी रीट की परीक्षा में शामिल होते है और इस संख्या को देखते हुए प्रशासन के लिए कई बार अच्छे से आयोजन कर पाना बेहद मुश्किल होता है इसीलिए इस बार की REET परीक्षा पहले हुई अन्य REET परीक्षाओं से हटकर होगी क्योंकि इस बार की परीक्षा 2 दिन यानी 14 मई और 15 मई को कराई जाएगी । ऐसा पहली बार होगा कि इस परीक्षा का आयोजन 2 दिन के लिए किया गया है अन्यथा इससे पूर्व परीक्षा एक ही दिन के भीतर कराई जाती थी।
आने वाली रीट परीक्षा इस मायने में भी हटकर होगी कि यह 10 सालों के बाद निरंतर 2 साल आयोजित की जाएगी। इससे पूर्व 2011 और 2012 में ही लगातार यह दो बार आयोजित की गई थी।
बेहद प्रयास परंतु फिर भी समस्याएं
राजस्थान सरकार ने REET परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए मुफ्त बसों का आयोजन किया है जिससे परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थी आसानी से परीक्षा स्थल पर पहुंच सके परंतु जिस बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं उन को देखते हुए सरकार की बसें कम पड़ जाती हैं और यह समस्या हर बार ही देखने को मिलती हैं।
एक पद के लिए कई मुकाबले
जुलाई 2021 की एक रिपोर्ट बताती है कि सितंबर में आयोजित की जाने वाली रीट की परीक्षा में कुल 16 लाख 51 हजार 520 आवेदन किए गए इससे पता चलता है कि एक ही पद के लिए 53 अभ्यर्थियों के बीच मुकाबला है।
परीक्षा केंद्र की जानकारी का अभाव
समय से पूर्व आ जाने के बावजूद भी कई अभ्यर्थी परीक्षा देने में असफल रहते हैं उन्हें या तो समुचित परीक्षा स्थल की जानकारी नहीं मिल पाती या फिर उन्हें गेट पर खड़े हुए व्यक्तियों द्वार अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर जाने की सलाह दी जाती है जिससे वे भागदौड़ करते रहते हैं और इस प्रकार समय निकलने के बाद उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाता । REET की परीक्षा में कितनी ही बार ना सिर्फ अभ्यर्थी बल्कि उनके अभिभावकों की आंखों से भी आंसू निकलते हुए देखे जाते हैं।
गिरफ्तारियों की बढ़ती संख्या
REET परीक्षा में ना केवल समय तथा स्थान को लेकर समस्याएं आती हैं बल्कि अभ्यर्थियों द्वारा कई प्रपंच रचे जाते हैं। जिसमें वह फर्जीवाड़ा करने का प्रयास करते हैं या तो वे अपने स्थान पर किसी दूसरे से परीक्षा करवाने की व्यवस्था करते हैं या फिर प्रश्न पत्र को लीक करने का प्रयास किया जाता है और इसके लिए बहुत मोटी रकम अदा की जाती है। ऐसे कई मामले REET परीक्षा में देखने को मिलते हैं।
एक से अधिक फॉर्म भरते हैं अभ्यर्थी
कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अलग-अलग फॉर्म भरते हैं और उन अलग-अलग फॉर्म में अलग-अलग विषय भरते हैं। ऐसे मामले दर्शाते हैं कि यह एक गैंग प्लेन का आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत नकल कराने जैसे कई मामलों की आशंका होती है।
2021 में आयोजित की गई परीक्षा में 44 हजार बच्चों ने एक से अधिक फॉर्म भरा अर्थात वे कई फॉर्म भर देते हैं जिससे ना केवल प्रशासन के समक्ष नई समस्याएं सामने आती हैं बल्कि सुरक्षा से संबंधित परेशानियां भी बढ़ जाती हैं।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
परीक्षा के दिन प्रशासन न केवल परीक्षा स्थल के आसपास इंटरनेट बंद कर देता है बल्कि कई हजार सीसीटीवी कैमरों का प्रयोग भी किया जाता है जिससे यह परीक्षा बिना किसी बड़ी समस्या के संपन्न हो पाए
इसलिए कड़ी पुलिस व्यवस्था का भी इंतजाम किया जाता है। कुल मिलाकर कहें तो राजस्थान प्रशासन के लिए REET आयोजित करवाना एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में दिखाई पड़ता है हालांकि वे इस चुनौती को सफलतापूर्वक पूर्ण कराने के लिए कठोर परिश्रम करते हैं और जब यह परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न होती है तो यह उनके लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
केवल प्रशासन ही नहीं, नागरिक भी हो जिम्मेदार
परंतु किसी भी बड़ी परीक्षा को आयोजित कराना सिर्फ सरकार या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है इसके लिए प्रत्येक अभ्यर्थी का अपने आप में ईमानदार होना अति आवश्यक है क्योंकि शिक्षण जैसे क्षेत्र में यदि हम परीक्षा ही बेईमानी से देने की कोशिश करते हैं तो फिर शिक्षण जैसे पवित्र व्यवसाय को संपूर्ण जीवन किस प्रकार इमानदारी से निभाएंगे? इसलिए यदि प्रत्येक अभ्यर्थी सिर्फ अपने परिश्रम पर ध्यान दे तो वह न केवल अपने विकास में योगदान दे सकता है बल्कि प्रशासन की चिंता को भी कम कर सकता है।