liver kya hai?

यकृत liver क्या हे इसके कार्य

 

यकृत liver :

यकृत liver एक प्रमुख पाचक ग्रंथि है जो हमारे दाहिनी निचले वाले हिस्से में होता है इसका रंग चॉकलेटी और यह स्पंजी तरह का होता है। 
यकृत liver का भार 1.5 किलोग्राम होता है यह शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है
इसलिए इसका स्थान बहुत महत्वपूर्ण है यकृत liver पालियों में बटे होते हैं और यह पालिया संयोजी उत्तक Connective tissue द्वारा जुड़ी होती हैं जिन्हें गिलसंस कैप्सूल कहते हैं। 
 

मुख्यतः इसके 2 भाग होते हैं-

  1. दया पिंडक
  2. बाया पिंडक
इसी में एक पित्ताशय Gall bladder जुड़ा होता है जहां पर यकृत की पित्त कोशिकाओं Bile cells द्वारा पित्त रस का निर्माण होता है और यहीं पर अमाशय Stomach से आने वाले भोजन और ग्रहणी जुड़े होते हैं और बगल में अमाशय Stomach स्थित होता है।

यकृत liver के कार्य:

यकृत पित्त रस का निर्माण एवं स्त्राव करता है यकृत में कुफ्फेर नामक कोशिकाएं होती हैं जो RBC का भक्षण करती हैं उसी से बनता है पित्त रस Bile juice। 

पित्त रस Bile juice:

पित्त रस Bile juice क्षारीय होता है और इसका पीएच मान 7.7 होता है। 
पित्त में जल 85% एवं पित्त वर्णक 12 % परसेंट पित्त लवण   .7 %कोलेस्ट्रॉल 0.28% तथा रेसोचीन पॉइंट 15 % होते हैं। पित्त रस Bile juice अमाशय Stomach से आने वाले अम्लीय भोजन को उदासीन कर देता है भोजन को सड़ने से रोकता है और भोजन के जीवाणुओं को नष्ट कर देता है पित्त रस वसा का पायसीकरण Emulsification करता है ताकि बसा का स्टिएप्सिंन नामक एंजाइम द्वारा पाचन हो सके।
 

पित्त रस Bile juice दो तरह का होता है-

बिलीरुबिन Bilirubin:

इसमें कोई एंजाइम नहीं होता है तथा यह भोजन पाचन में कोई सहयता नहीं करता है इसका रंग पीला होता है।

बिलीबर्डिन Biliburdine:

इसमें भी कोई एंजाइम नहीं होता है भोजन पचाने में यह कोई सहायता नहीं करता इन का रंग हरा होता है।

1. आवश्यकता से अधिक शर्करा को यकृत liver ग्लाइकोजन Glycogen में परिवर्तित करके अपने अंदर संचित करता है और इस क्रिया को ग्लाइकोजेनेसिस Glycogenesis कहते हैं।

2. ग्लाइकोजेनेसिस Glycogenesis क्रिया में यकृत liver में जो शर्करा होता है यकृत liver उसे ग्लाइकोजन Glycogen में परिवर्तित कर देता है। 

3.ग्लाइकोजन Glycogen एक तरह का ग्लिसरीन की तरह का पदार्थ होता है यानी अर्द्धवासीय होता है यह क्रिया एक हारमोंस द्वारा होती है जिसे इंसुलिन Insulin कहते हैं
इंसुलिन Insulin अग्नाशय से निकलता है और यह बीटा सेल द्वारा स्रावित होता है जब हमारे शरीर को शर्करा की जरूरत पड़ती है तो यह ग्लाइकोजेनोलाइसिस Glycogenolysis क्रिया द्वारा पुनः ग्लाइकोजन Glycogen को शर्करा में बदल देता है
यह क्रिया ग्लूकेगान Glycogen के द्वारा होती है ग्लूकेगन Glycogen का स्त्राव अग्नाशय के अल्फा सेल द्वारा होता है।विटामिन A का निर्माण करता है और अपने अंदर संचित भी करता है यह विटामिन A की मात्रा को बनाए रखता है और इसमें लोहा तांबा आदि धातुओं की संचित रहते हैं अगर रक्त में इनकी कमी हो जाती है तो यहां से पूरी हो जाती है।
 
4. अमोनिया Ammonia को यूरिया में परिवर्तित करता है जब हम प्रोटीन वाली भोजन खाते हैं तो अमीनो अम्ल का भी पाचन होता है उस दौरान हमारे शरीर में हानिकारक अमोनिया Ammonia बाहर आता है अगर यह अमोनिया Ammonia रक्त में मिल जाए तो हमारे शरीर को हानि पहुंचती है तथा यह ऑक्सीजन को हमारे रक्त में घुलने से रोकता है।
 
5. रक्त स्कंदन फाईब्रोनोजन Fibronogen प्रोआम्बिन Proambin निर्माण करता है। जो शरीर के अंदर रक्त के थक्का बनने में मदद करता है। 
 

6. यकृत liver रक्त प्रति स्कंदन हेपरिन Heparin का निर्माण करता है जो शरीर के अंदर रक्त को जमने से रोकता है। 

 7. यकृत liver की कुफेर कोशिकाएं मृत RBC का भक्षण करती हैं। 
 
8. यकृत liver स्तनधारियों में भ्रूण में  RBC का निर्माण यकृत द्वारा होता है। 

9. यकृत liver पुनरुदभवन Regeneration की क्षमता यकृत कोशिकाओं में सबसे अधिक होती हैं। 

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